महाराजा छत्रसाल का जीवन परिचय | Maharaja Chhatrasal Biography in Hindi

महाराजा छत्रसाल की जीवनी, जीवन परिचय, इतिहास, जन्म, धर्म, जाति, किला, मृत्यु, जयंती 2021, वंशज, समाधि, यूनिवर्सिटी, फ़िल्म, वेब सीरीज [Maharaja Chhatrasal Biography in Hindi] (Maharaja Chhatrasal History, Birth,  Caste, Web Series, University, Death, Movie, Chhatrasal Web Series Release Date)

महाराजा छत्रसाल (Maharaja Chhatrasal In Hindi) बुंदेलखंड के एक प्रतापी योद्धा थे, जिन्होंने किया मुगल शासक औरंगजेब से युद्ध। महाराजा छत्रसाल को बुंदेलखंड का राजा भी कहा जाता है। इनका नाम इतिहास के पन्नो में भी दर्ज है। राजा छत्रसाल एक बहुत ही महान एवं वीर योद्धा थे।

महाराजा छत्रसाल के जीवन से जुड़ी कहानी आपके सामने वेब सीरीज के रूप में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ चुकी है जिसका नाम है ‘छत्रसाल’। आज के इस लेख में, मैं आपलोगों को महाराज छात्रसाल के जीवन का परिचय देने जा रहा हूँ इसके साथ ही इस लेख में, मैं आपको इन पर बनी वेब सीरीज की भी जानकारी दूंगा।

महाराजा छत्रसाल का जीवन परिचय, जीवनी (Maharaja Chhatrasal Biography In Hindi)

● महाराजा छत्रसाल का परिचय, जन्म, परिवार, धर्म एवं जाति (Introduction, Birth, Family, Religion, Caste)

Name (नाम): छत्रसाल

Full Name (पूरा नाम): महाराजा छत्रसाल

Born (जन्म): 4 मई, 1649

Birth Place (जन्म स्थान): कचर कचनई मुगल शासन, टीकमगढ़ जिला मध्यप्रदेश, भारत (वर्तमान में)

Father’s Name (पिता का नाम): चम्पत राय

Mother’s Name (माता का नाम): लाल कुंवर

Wife’s Name (पत्नी का नाम): देव कुंवारी एवं रूहानी बाई

Brother’s Name (भाई का नाम): अंगद बुंदेला

Son’s Name (बेटे का नाम): शमशेर बहादुर प्रथम, हर्दे साह, अली बहादुर प्रथम, जगत राय, भारती चंद

Daughter’s Name (बेटी का नाम): मस्तानी

Death (मृत्यु): 20 दिसंबर, 1731

Age (उम्र): 82 साल

Hometown (गृहनगर): बुंदेला

Religion (धर्म): हिन्दू

Caste (जाति): राजपूत

Reign (शासनकाल): बुंदेलखंड के राजा (1675 से 1731 तक)

महाराजा छत्रसाल का जन्म 4 मई 1649 को एक पहाड़ी ग्राम में हुआ था। इनके माताजी का नाम लालकुंवारी था तथा पिता का नाम चंपत राय था। इनके पिता चंपत राय बहुत ही वीर और प्रतापी राजा थे। इनके परिवार की खास बात ये थी कि, जब भी इनके पिता चंपत राय जंग के मैदान में उतरते थे, तब हमेशा लालकुंवारी उनके साथ रहा करती थी।

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लालकुंवारी जी हमेशा तलवार बाजी का अभ्यास किया करती थी, जब छत्रसाल पेट में थे तो उनकी माताजी उन्हें योद्धा से जुड़ी कहानियां सुनाती थी। छत्रसाल के बड़े भाई थे अंगद बुंदेला। छत्रसाल के माता-पिता के निधन के बाद उनके बड़े भाई अंगद बुंदेला का निधन भी हो गया। जिसके बाद छत्रसाल ने अपने पिता की आज्ञा मानकर परमार वंश की कन्या देवकुआंरी से विवाह कर लिया।

★ महाराजा छत्रसाल इतिहास (Maharaja Chhatrasal History In Hindi)

महाराजा छत्रसाल जो की एक शासक होने के साथ-साथ एक प्रतापी योद्धा भी थे, उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह अपना स्वतंत्र राज्य स्थापित करने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके कारण छत्रसाल ने अपना जीवन साहस और जोखिम भरा जीने का निर्णय लिया। छत्रसाल ने बुंदेलखंड की भूमि पर अपने शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ विंध्याचल की पहाड़ियों पर भी अपने पराक्रम दिखाया।

★ महाराजा छत्रसाल की शिक्षा (Education of Maharaja Chhatrasal)

महाराजा छत्रसाल जिन्होंने सारी चीजें अपने माता-पिता से सीखी। क्योंकि छत्रसाल हमेशा उन्हीं से इस बात का ज्ञान लिया करते थे। हालांकि छत्रसाल को युद्ध नीति और युद्ध कला के बारे में शिक्षा और जानकारी प्राप्त करने के लिए उन्हें उनके मामा साहेब सिंह धंधेरे के पास देलवारा भेजा गया।

★ महाराजा छत्रसाल एवं औरंगजेब युद्ध (Maharaja Chhatrasal and Aurangzeb War)

महाराजा छत्रसाल (Maharaja Chhatrasal And Aurangzeb) और औरंगजेब के बीच हुए युद्ध में महाराजा छत्रसाल को विजय प्राप्त हुआ। दरअसल मुगल शासक औरंगजेब ने रणदूलह के नेतृत्व में 30 हजार सैनिकों की एक टुकड़ी को छत्रसाल के पीछे भेजी। लेकिन उनके भेजे इस टुकड़ी का कोई लाभ नहीं हुआ। छत्रसाल ने अपने युद्ध कौशल और पराक्रम से मुगलों को पराजित कर दिया।

क्योंकि महाराजा छत्रसाल को पूर्व ही सूचना मिल गई थी कि मुगल उन्हें घेरने कि रणनीति तैयार कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने उससे पहले ही मुगलों की रणनीति पर पानी फेर दी। इस युद्ध से पहले छत्रसाल के पिता चंपत राय जी मुगलों से धोखा खा चुके थे।

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इसलिए जब महाराजा छत्रसाल की बारी आई तो उन्होंने अपने समय में कोई गलती नहीं की। महाराजा छत्रसाल ने मुगल सेना से गढ़ाकोटा, कंजिया, मडियादो, रहली, रानगिरि, धामौनी, रामगढ़, शाहगढ़ आदि कई जगहों पर युद्ध लड़ी थी। इन युद्धों के बाद छत्रसाल की शक्ति बढ़ती चली गई और वो राज करते गए।

★ महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड के राजा (Maharaja Chhatrasal Raja of Bundelkhand)

महाराजा छत्रसाल अपने राष्ट्रप्रेम और वीरता के बारे में जाने जाते हैं। इसी के कारण छत्रसाल बुदेलखंड के राजा बने। वर्ष 1670 में छत्रसाल की मातृभूमि यानी बुंदेलखंड की स्थिति बिल्कुल अलग थी। उस समय बुंदेलखंड पर मुगलों का शासन था मुगलों ने उस पर अपना हक जमाया हुआ था। बुंदेलखंड को मुगलों के शासन से छुड़ाने के लिए छत्रसाल ने एक रणनीति बनाई ताकि बुंदेलखंड उनसे छीन सके। जिसके बाद छत्रसाल ने मुगल शासक औरंगजेब के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया और बुंदेलखंड में अपना हक जमाया और उसे हासिल भी किया।

★ महाराजा छत्रसाल के वंशज (Descendants of Maharaja Chhatrasal)

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड के राजा थे, जिनका वंश उनके बेटे और बेटियों ने मिलकर आगे बढ़ाया जिनमें थी उनकी बेटी मस्तानी और उनके पुत्र शमशेर बहादुर प्रथम, हर्दे साह, अली बहादुर प्रथम, भारती चंद एवं जगत राय। साथ ही इन सबों को इस बात की सीख भी दी गई कि अपने शान को कैसे बरकरार रखा जाता है, साथ ही किस प्रकार अपने दुश्मनों का सामना किया जाता है।

★ महाराजा छत्रसाल की मृत्यु कब हुई? (When did Maharaja Chhatrasal die?)

महाराजा छत्रसाल की मृत्यु 20 दिसंबर 1731 को हुई। उस वक़्त उनकी आयु 82 साल थी। महाराजा छत्रसाल की मृत्यु मऊसहानिया में हुई। अपनी मृत्यु से पहले ही महाराजा छत्रसाल ने अपनी पूरी संपत्ति एवं राज्य को अपने सभी पुत्रों में बराबर-बराबर बांट दिए थे। ताकि उनके पुत्रों को आगे जाकर किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो। और उनके बीच किसी प्रकार का कोई संघर्ष पैदा ना हो।

★ महाराजा छत्रसाल की समाधि (Maharaja Chhatrasal’s Samadhi)

महाराजा छत्रसाल की समाधि छतरपुर में स्थित है। उनकी ये समाधि धुबेला झील के पास बनी हुई है। जहां पर आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। इसके साथ ही उनकी समाधि के साथ वहां पर बहुत आलिशान मकबरा भी तैयार किया गया। जिसमें पहुंचने पर कई सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। इस मकबरे में कई बड़ी-बड़ी गुंबद तो कई छोटी गुंबद भी बनी हुई है।

★ महाराजा छत्रसाल की जयंती (Maharaja Chhatrasal’s birth anniversary)

महाराजा छत्रसाल की जयंती हर साल 4 मई को मनाई जाती है। 4 मई के इस दिन रानी लालकुंवारी ने एक वीर और प्रतापी योद्धा को जन्म दिया था, जो बड़े होकर बुंदेलखंड के महाराजा छत्रसाल के नाम से जाने गए। जिन्होंने अपने युद्ध कला, रणनीति और अपने पराक्रम का प्रदर्शन दिखाकर मुगलों को पराजित किया और उनपर विजय हासिल की।

★ महाराजा छत्रसाल का किला (Maharaja Chhatrasal Fort)

महाराजा छत्रसाल का किला छतरपुर के मऊसहानिया में है। मऊसहानिया छतरपुर की सीमा पर ही पड़ता है। यहां पर घूमने के लिए आपको खूबसूरत तालाब और संग्रहालय भी देखने को मिलेंगे। संग्रहालय में राजा छत्रसाल की मूर्ति को रखा गया है इसके अलावा उनके शस्त्र आदि चीजों को रखा गया है ताकि इस संग्रहालय में पहुंचे लोग उनके बारे में अधिक जान सके।

★ महाराजा छत्रसाल का साहित्य के संरक्षक (Maharaja Chhatrasal’s patron of literature)

महाराजा छत्रसाल को साहित्य संरक्षक काफी पसंद थे। जिसके कारण उनके दरबार में हमेशा प्रसिद्ध कवि रहते थे। कवि भूषण जी उनमें से एक थे। इसके अलावा उनके दरवार में लाल कवि, बक्षी हंशराज आदि भी वहां मौजूद रहते थे। इसलिए छत्रसाल के ऊपर एक पंक्ति भी तैयार की गई। “छता तोरे राज में धक धक धरती होय। जित जित घोड़ा मुख करे उत उत फत्ते होय॥”

★ महाराजा छत्रसाल फ़िल्म (Maharaja Chhatrasal Movie)

महराजा छत्रसाल के जीवन के ऊपर आधारित कुछ फ़िल्में भी टेलीविजन पर आ चुकी है। जिसे आप इंटरनेट के माध्यम से डाउनलोड कर सकते है या फिर ऑनलाइन सर्च कर देख सकते हैं। उनके जीवन पर आधारित उन फिल्मों में बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल की कहानी दर्शायी गई है, की किस तरह से उन्होंने मुगलों को धूल चटाई थी और किस तरह से बुंदेलखंड को हासिल कर वहां के राजा बने थे।

★ महाराजा छत्रसाल वेब सीरीज 2021 (Maharaja Chhatrasal Web Series)

महाराजा छत्रसाल के जीवन के ऊपर एक वेब सीरीज भी तैयार की गई है, जिसका नाम है ‘छत्रसाल’, इस वेब सीरीज में महाराजा छत्रसाल के जीवन, उनके युद्ध और किस तरह से उन्होंने बुंदेलखंड को हासिल किया इन सभी के बारे में दिखाया गया है। इस वेब सीरीज की कहानी को पूरी तरह से ऐतिहासिक ड्रामा की तरह तैयार किया गया है।

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जिस तरह से महाराजा छत्रसाल ने बुंदेलखंड को हासिल करने के लिए मुगलों से लड़ाई लड़ी उसे इस वेब सीरीज में बखूबी से दर्शाया गया है। इस वेब सीरीज में महाराजा छत्रसाल का किरदार जितिन गुलाटी निभा रहे हैं, वहीं मुगल शासक औरंगजेब का किरदार आशुतोष राणा जी निभा रहे है।

आशुतोष राणा ने औरंगजेब के इस किरदार में काफी दिलचस्पी दिखाई है। आशुतोष राणा जी का कहना है कि वो इस वेब सीरीज का हिस्सा बने उसके लिए वो काफी उत्साहित हैं।

★ महाराजा छत्रसाल वेब सीरीज रिलीज़ डेट (Maharaja Chhatrasal Web Series Release Date)

महाराजा छत्रसाल के जीवन पर बनी ये वेब सीरीज 6 अगस्त को MX Player पर रिलीज होने वाली है, जो अब रिलीज हो चुकी है। इस वेब सीरीज में आशुतोष राणा एवं जितिन गुलाटी के साथ-साथ रुद्र सोनी, मनीष वाधवा आदि अभिनेता भी हैं। इन अभिनेताओं के साथ ये वेब सीरीज आपको देखने को मिलने वाली है।

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इस वेब सीरीज का इंतजार आप और हम सभी बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं, लोगों ने जब से इस वेब सीरीज का ट्रेलर देखा है तब से ही वो इस वेब सीरीज को देखने के लिए एक अलग ही उत्साह दिखा रहे हैं। अब ये वेब सीरीज आ चुकी है तो आप इसे अब देख सकते है और हमें कमेंट में बताइयेगा की ये वेब सीरीज आपलोगों को कैसी लगी।

महाराजा छत्रसाल से जुड़े कुछ प्रश्नोत्तर (Some questions and answers related to Maharaja Chhatrasal)

FAQ

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल का जन्म कब हुआ था?

उत्तर- महाराजा छत्रसाल का जन्म 4 मई 1649 को हुआ था।

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल का जन्म कहां हुआ था?

उत्तर- महाराजा छत्रसाल का जन्म कचर कचनई मुगल शासन, टीकमगढ़, जिला मध्यप्रदेश, भारत (वर्तमान में) में हुआ था।

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल के माता-पिता का नाम क्या है?

उत्तर- महाराजा छत्रसाल के माता-पिता का नाम इज़ तरह है पिताजी का नाम चम्पत राय तथा माताजी का नाम लाल कुंवर।

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल के कौन थे वंशज?

उत्तर- शमशेर बहादुर प्रथम, अली बहादुर प्रथम, मस्तानी, भारती चंद, हर्दे साह आदि।

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल के घोड़े का नाम क्या था ?

उत्तर- छत्रसाल के घोड़े का नाम भलेभाई था।

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल की समाधि कहां है ?

उत्तर- महाराजा छत्रसाल जी की समाधि छतरपुर में है।

प्रश्न: महाराजा छत्रसाल ने किसको हराकर जीता बुंदेलखंड?

उत्तर- महाराजा छत्रसाल ने औरंगजेब को हराकर जीता था बुंदेलखंड।

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