भारत अनेकता में एकता वाला देश। हम सभी लोग जानते है कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ अनेक प्रकार के लोग रहते है और हर एक किसी की अपनी अलग कहानियां होती है। लेकिन ये कहानियाँ लोगों के सामने ला पाना इतना भी आसान नही होता।

इस देश में ऐसी बहुत सी कहानियाँ हैं, जो आज भी दफ़न है, इन्हीं कहानियों में से एक आज मैं आपलोगों को बताने वाला हूँ और वो कहानी है गंगूबाई काठियावाड़ी के बारे में। ये कहानी एक ऐसी महिला बारे में जिसने अपने सम्पूर्ण जीवन में बहुत सी तकलीफें और दयनीय परिस्थितियों का सामना किया और एक वैश्या के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्ध हुई।
★ गंगूबाई काठियावाड़ी कौन थी?
गंगूबाई काठियावाड़ी इनका पूरा नाम गंगूबाई हरजीवनदास काठियावाडी था। गंगूबाई 60 के दशक में मुंबई माफ़िया की एक खतरनाक महिला हुआ करती थी। मुम्बई के लोग इनको कमाठीपुरा की मैडम के नाम से जानते थे। गंगूबाई के जीवन पर एक किताब भी लिखी जा चुकी है जिसका नाम है ‘Mafia Queens of Mumbai’ जो हुसैन जैदी द्वारा लिखी गई है।
“इसी किताब से प्रभावित होकर संजय लीला भंसाली ने आलिया भट्ट के साथ इनके जीवन के सफ़र पर फिल्म बनाई है।”
★ गंगूबाई का प्रारंभिक जीवन
गंगूबाई का जन्म वर्ष 1939 में गुजरात के काठियावाड़ नामक स्थान पर हुआ था। गंगूबाई के माता-पिता इनसे बहुत प्यार करते थे।
क्योंकि गंगूबाई अपने परिवार की इकलौती बेटी थी। गंगूबाई के पिता चाहते थे कि ये पढ़ लिख कर आगे बढे, लेकिन गंगूबाई की पढ़ाई में जरा भी मन नही लगता था। गंगूबाई हमेशा फिल्मों की बातें किया करती थी। वो फिल्मों में हिरोइन बनना चाहती थी। जब गंगूबाई की उम्र 16 साल थी, तो गंगूबाई को अपने ही पिता एक एकाउंटेंट से प्यार हो गया। उन एकाउंटेंट नाम रमणीक लाल था। रमणीक लाल के साथ भाग कर गंगूबाई ने शादी कर ली।
गंगूबाई के माता-पिता को उन दोनों की शादी स्वीकार नही थी, इसलिए गंगूबाई अपने पति रमणीक के साथ भाग कर मुंबई चली आई। मुंबई में आने के बाद गंगूबाई इस बात से बिल्कुल भी बेखबर थी कि उनके जीवन में कठिन परिस्थितियाँ आने वाली है। गंगूबाई मुंबई आने के बाद बहुत खुश थी लेकिन उनकी ख़ुशियाँ ज्यादा दिन तक टिक नही पाई। गंगूबाई के पति रमणीक ने गंगूबाई को अपनी मौसी कह कर एक औरत से मिलवाया, वो औरत रमणीक की मौसी नही थी बल्कि एक कोठेवाली थी। उस कोठेवाली के यहां गंगूबाई को छोड़ रमणीक ने नया घर ढूंढने के बहाने से गंगूबाई को उस कोठेवाली के हाथों 500 रुपये में बेच कर चला गया।
गंगूबाई को क्या पता था कि उसका पति उसे जिसके साथ भेज रहा है वो उसकी मौसी नही बल्कि मुंबई के कमाठीपुरा रेड लाईट एरिया में कोठा चलाती है। अपने पति रमणीक के जाने के कुछ ही हफ़्तों बाद गंगूबाई को समझ आ गया था कि वो अब इस जगह से कहीं और नही जा सकती है। इसलिए गंगूबाई ने वैश्या के जीवन को स्वीकार करने का फैसला कर लिया, लेकिन वो वहां के कोठे के बारे में कुछ भी नहीं जानती थी। एक बार शौकत खान नाम के एक आदमी ने गंगूबाई के साथ पूरी रात ज़बरदस्ती की और पूरी रात गुजारने के बाद उसने गंगूबाई को पैसे दिए बगैर चला गया।
गंगूबाई के साथ इस दर्दनाक घटना के कारण उसकी हालत बहुत बिगड़ गई और उसे अस्पताल भी जाना पड़ा। कुछ समय बाद पूरी तरह से ठीक होने के बाद गंगूबाई ने शौकत खान के बारे में जानकारी निकली। शौकत खान की जानकारी निकालने पर पता चला कि वो मुंबई के मशहूर डॉन करीम लाला का आदमी था।
★ माफिया डॉन करीम लाला की मुँह बोली बहन
अब गंगूबाई ने करीम लाला से मिलने की ठान ली, गंगूबाई करीम लाला के पास गई, वहां उसने शौकत खान के द्वारा किये गए बलात्कार के बारे में बताया, और आपनी पूरी कहानी भी करीम लाला को सुनाई। गंगूबाई की पूरी बाते सुनने के बाद करीम लाला ने गंगूबाई को अपनी मुँह बोली बहन बना लिया और करीम लाला ने शौकत खान को इस करतूत के लिए कड़ी सजा भी दिया। शौकत खान को सजा मिलने के बाद गंगूबाई काठियावाड़ी ने भी करीम लाला को रक्षाबंधन पर राखी बांध कर उसे अपना भाई बना लिया। इसके बाद गंगूबाई धीरे-धीरे मशहूर होने लगी। कुछ ही समय में करीम लाला के साथ मिलने से गंगूबाई भी बहुत ही शक्तिशाली बन गई।
समय के साथ ताकत मिलने के बाद गंगूबाई काठियावाड़ी मुंबई के अंडरवर्ल्ड में आ गई और कुछ समय बाद गंगूबाई एक वैश्या से कोठे की मालकिन बन गई। उसने रेड लाईट एरिया में कई वैश्यालय भी खुलवाई और इसके अलावा भी कई और अच्छे काम भी किये। जिसके कारण लोग गंगूबाई को कमाठीपुरा की मैडम या कमाठीपुरा की डॉन के नाम से पुकारने लगे। गंगूबाई 60 के दशक में एक ऐसी अमीर औरत बन चुकी थी जिसके पास काली रंग की बेंटले कार हुआ करती थी, वो हर तरह से वैश्याओं की मदद किया करती थी उन वैश्याओं की मदद के साथ उनके बच्चों को भी बहुत प्यार देती थी। गंगूबाई किसी को भी ज़बरदस्ती उसके मर्जी के खिलाफ कोठे में नही रखती थी।
★ गंगूबाई काठियावाड़ी मृत्यु
गंगूबाई काठियावाड़ी की मृत्यु के बारे में अगर हमलोग बातें करे, तो इसके बारे में कोई भी सही जानकारी नही मिलती है। इसके अलावा गंगूबाई की मृत्यु के साल के बारे में भी कोई ठीक-ठीक जानकारी नही मिलती। लेकिन इनकी मृत्यु के बारे में माना जाता है कि इनकी मृत्यु साल 1975 से 1978 के बीच हुई थी।

बहुत ही जल्द आपलोगों के सामने गंगूबाई काठियावाड़ी की जीवन की संपूर्ण घटनाएँ फिल्मों के माध्यम से आने वाली है। इस फिल्म को बनाने के लिए बॉलीवुड के मशहूर Director (निर्देशक) संजय लीला भंसाली के निर्देश में आलिया भट्ट की लीड रोल यानी गंगूबाई काठियावाड़ी के किरदार में दिखने वाली है। इस फ़िल्म के बारे में ऐसा कहा जा रहा है इस फिल्म के लिए आलिया भट्ट ने काठियावाड़ भाषा भी सीखी है।
आलिया भट्ट के अलावा इस फिल्म में करीम लाला का किरदार अजय देवगन करने वाले है। इसके अलावा इस फ़िल्म में इमरान हाशमी, विजय राज के साथ कई अन्य एक्टर दिखने वाले है। गंगूबाई के जीवन पर बनी इस फिल्म को 30 जुलाई को रिलीज करने की तारीख निर्धारित किया गया है।